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दोस्तों अपने घर बैठकर कंप्यूटर पर ये लेख लिखना मेरे लिए शायद आसान नही है… आँखें मेरी भी नम हैं …. दिल में मेरे भी उदासी है… मैं भी हर किसी की तरह यही कह रहा हूँ के हे भगवान् ये तूने क्या किया..? क्यूँ अपने भक्तों पर ये दुखों का सागर उड़ेल दिया .? क्यूँ अपने भक्तों की कोई भी पुकार तुम्हारे दिल तक नही पहुचीं…. आखिर क्यूँ इस विनाश लीला को अंजाम दिया गया…?? बस यही सवाल बार बार दिल की गहराइयों में गूँज रहा है के क्यूँ शिव ने शक्ति का अवतार ले ये तांडव किया …? आखिर भोले क्या समझाना चाहते हैं…????
क्या हमारे समाज में जो आज कल हो रहा है वो सही है… क्या हमारी भक्ति अपनी सही राह पर चल रही है .. मुझे याद है जब हम छोटे थे तब हमारे चाचा कावंड लेने जाते थे तब हमारे पूरे गाँव से १० या १२ लोग मुश्किल से जाते थे और वो भी वो ही लोग जाते थे जिनके बोल-कबूल होते थे…. पूरा गाँव उन्हें विदा करने आता था और जब वो जल लेकर आते थे तो उन्हें गाँव की सीमा तक लेने जाते थे…पर आज मेरे गाँव की बात तो दूर की है हमारी गली से ही १० से १५ लोग चले जाते हैं… और कोई कब जाता है कब आता है कुछ पता नही… यहाँ तक की वो १० से १२ दिन पहले ही चले जाते हैं ताकि वो लोग घूम फिर सकें … तो भोले ही क्या करें … जो लोग घूमने – फिरने आये हैं उनकी कहाँ तक रक्षा करेंगे .. यहाँ तक की न केवल वो घुमते फिरते हैं बल्कि वहाँ वो सभी कुछ करते हैं जो एक धार्मिक स्थल पर उचित नही है .. तो बताइए अगर कल को वहाँ कुछ हो जाये तो भगवान् की क्या गलती .. हाँ ये बात अलग है के कई बार गेंहूँ के साथ घुन भी पिस जाता है…!!
और कावंड का ही क्यूँ दोस्तों, लेकर वेष्णो देवी की यात्रा से हरिद्वार , ऋषिकेश , चंडी देवी , साईं नाथ, चार धाम या फिर कोई भी धार्मिक स्थल हो हमने उसे पिकनिक और अपने हनीमून की जगह में तब्दील कर दिया है… होटलों के बंद कमरों में उन पवित्र स्थलों पर हम वो सब कुछ करते हैं जिनकी अनुमति ये धार्मिक स्थलों की पवित्रता नही देती .. तो हम ये क्यूँ सोच रहे हैं के ऐसे अनुचित कार्य करके भी हम अपने प्रभु की क्रपा पा सकते हैं … क्यूँ हम ये नही सोच रहे हैं के जो धार्मिक स्थल हमारी श्रद्धा और आस्था के प्रतीक हैं … जहाँ से हम अपने जीवन का उदगम मानते हैं … हम उन्ही स्थलों की पवित्रता को भंग कर रहे हैं ..!!
अरे रावण भगवान शिव का सबसे बड़ा भक्त था फिर भी जब उसने अनुचित कार्य किये तो उन्ही भगवान् शिव ने उसे मरने का आशीर्वाद भगवान् राम को दिया….!!
इससे ये साबित होता है के जब जब हम लोग अपनी मर्यादों को भूल कर पवित्रता का त्याग करेंगे तब तब ऐसे ही शांत और सम्पूर्ण भोले तांडव करेंगे ,….!!
एक बार तो सोचो क्या भोले नही रो रहे होंगे अपने भक्तों की लाशों को अपने चारो ओर देख कर.. !! उनका भी सीना फट गया होगा अपने बच्चों की चीख पुकार सुन कर….!!
आज अकेले केदार नाथ में भगवान् शिव अपने आँखों को नम करके विराजमान हैं और यही कह रहे हैं के मैं चाह कर भी तुम सबको तुम्हारे कर्मो से मुक्त नही कर सकता हूँ …!
बस अंत में यही कहना चाहूँगा के भगवान् उन सभी की आत्माओं को शांति दे और उनके परिवारों को इस दुःख की घडी में शांति प्रदान करें…!!
बाकि सभी कुछ हमारे हाथ में है … हम शपथ ले के आने वाले समय में अब वो काम न करें जिससे भगवान् को ये विनाश लीला करनी पड़े…!!
अगर इस लेख में कुछ गलती हो गयी हो तो मैं सभी से हाथ जोड़ कर माफ़ी मांगता हूँ… किसी की भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुचाना मेरा मकसद नही था..!!
आपका अपना
दीपक बलिदानी
एंकर / एक्टर
09990745048
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