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सरकार के डंडे और जन-आन्दोलन …!!!

Deepak's View
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आज बहुत दिनों बाद इस मंच पर वापस आकर आप सभी से अपने विचार साँझा करने में बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ… बस दुःख है तो इस बात का के जिस विचार को मैं आपसे साँझा कर रहा हूँ उस विचार के बारे में लिखते हुए मुझे कोई प्रसन्नता नही हो रही है बल्कि पीड़ा ही हो रही है …!!
दोस्तों पिछले कुछ समय में हमारे प्यारे हिन्दुस्तान में जो भी घटनाएँ घटी हैं उन घटनाओं ने हमारे समाज को संघटित होकर एक आन्दोलन करने का बढ़ावा दिया है… और खासकर हमारे युवाओं को एक साथ एक मंच पर आने के लिए मजबूर कर दिया है .. के वो अपने ही देश में अपनी ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं…!!!
अब अपने शीर्षक को दर्शाते हुए कुछ कहता हूँ… जून में डेढ़ साल पहले जब बाबा रामदेव ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आन्दोलन किया था तब एक सफल शांतिपूर्ण आन्दोलन की दिशा और उद्देश्य को तोड़ने के लिए सरकार ने रात को सोते हुए उन शांतिपूर्ण आन्दोलनकारियों को लाठी डंडों से बर्बरता के साथ पिटवाया …. पुरुष , महिलाएं , बच्चे किसी को भी नही छोड़ा गया … सड़क पर दौड़ा दौड़ा के जानवरों की तरह पीटा गया …. अरे मैं नही जानता के सरकार ने वादाखिलाफी की या बाबा रामदेव जी ने… पर क्या उन बेबस और लाचार जनता को पीटने से पहले सरकार ने एक बार भी सोचा..?? अरे इतना बर्बर व्यवहार तो अंग्रेज ही किया करते थे .. तो क्या हमारी ये सरकार अंग्रेजों के नक़्शे कदम पर है..???
अन्ना जी ने आन्दोलन किया क्या हुआ फिर एक बार वही क्रूरता और बर्बरता दिखाई सरकार ने … फिर से एक बार शांतिपूर्ण आन्दोलन को उग्र होने पर मजबूर किया गया…आखिर क्यूँ??
और अब जब पूरा हिन्दुस्तान एक जघन्य अपराध के खिलाफ एक जुट है … जब पूरे हिन्दुस्तान का उद्देश्य केवल और केवल उस पीड़ित लड़की को इन्साफ दिलाना है . आज जब देश का युवा एक सही उद्देश्य की पूर्ती के लिए एक आन्दोलन के रूप में एक जुट हो रहा है… तो क्यूँ फिर से एक बार ये सरकार उन युवाओं पर अपने लाठी डंडे चलाकर उन्हें उग्र होने को मजबूर कर रही है…. अरे इतना क्यूँ नही सोचा जा रहा है के इस आन्दोलन का उद्देश्य गलत नही है… तो फिर क्यूँ हमारी सरकार अंग्रजों की तरह बर्ताव कर रही है…? क्यूँ इतना नही सोचा जा रहा है के सरकार के पास डंडे चलाने वाले कितने हैं … अगर इसी तरह सरकार अपनी दमनकारी नीतियों को दर्शाती रही तो कहीं देश में देश का युवा देश की सरकार के खिलाफ होकर उग्र आन्दोलन न कर दे??
इंडिया गेट पर लड़कियों , लड़कों, औरतों को जिस तरह से मारा और पीटा गया है क्या इस तरह सरकार हमारी आवाज को बंद कर सकती है…?
क्या अब इस देश में होने वाले किसी भी आन्दोलन का अंजाम यही होगा??
क्या इस देश की सरकार अपनी ही जनता के साथ अंग्रेजों की तरह क्रूर व्यवहार करेगी..???
क्या अब यही होगा…?

यही विचार आपके साथ छोड़े जा रहा हूँ और उम्मीद कर रहा हूँ के शायद आपके विचारों से ये सरकार एक बदलाव की मुद्रा में आ जाये…!!!!!
इसी उम्मीद के साथ …
आपका अपना
दीपक गुप्ता
एंकर / एक्टर
09990745048

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