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वो नौ महीने- इन्तजार खुशियों का

Deepak's View
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दोस्तों आज का जो ये लेख है ये मेरे खुद के जीवन पर आधारित है … जो मैं आज अपने जीवन में महसूस कर रहा हूँ बस उन्हीं पलों को आप सभी के साथ साझा कर रहा हूँ !! क्यूंकि मैं जनता हूँ के ये जो पल मैं जी रहा हूँ जो खुशी मैं महसूस कर रहा हूँ वो ही पल , वो ही खुशी संसार में हर आदमी उन नौ महीनो में महसूस करता है जब उनकी पत्नी एक नए जीवन का आगाज करने वाली होती हैं !!!!!!
आज कल मेरा मन हमेशा अपने घर पर रहता है .. मैं काम करता रहता हूँ और मेरा मन घर में मेरी पत्नी के बारे में सोचता रहता है और शायद नही, सच कहूँ तो पत्नी के बारे में नही उस नन्ही सी जान के बारे में सोचता रहता है जो अभी तक इस दुनिया में आया नही है बस अपने आने की आहट भर दे रहा है !!
ऐसा लगता है जैसे कहता रहता है के, पापा मैं बस कुछ ही दिनों में आ रहा हूँ आपके पास, आपसे ढेर सारे खिलोने लेने, आपसे ढेर सारी चोकलेट्स खाने , आपको एक जिम्मेदारी का अहसास कराने , आपके जीवन में ढेर सारी खुशियाँ बिखेरने ……. आप कर रहे हो न मेरा इन्तजार ???
मैं पहली बार इस अहसास से गुजर रहा हूँ … मुझे सब कुछ बहुत ख़ास सा लग रहा है… पर एक डर भी है मेरे दिल में क्या मैं अपनी जिम्मेदारियां निभा पाउँगा? क्या मैं उसे सारी खुशियाँ दे पाउँगा? कभी कभी सोचता हूँ के जो मैं आज कल कर रहा हूँ .. जितना मैं आज अपनी इनकम करता हूँ क्या वो प्रर्याप्त है उस नन्हें से मेरे दिल के टुकड़े की हर ख्वाइश को पूरा करने के लिए? और यही ख्याल जहाँ आज कल मुझे अपने जीवन में कुछ करने का, आगे बढ़ने का साहस दे रहा है वहीँ मेरे जीवन में आने वाली खुशियों को महसूस करने में बाधा भी बन रहा है !!! जब शाम को मैं अपने घर जाता हूँ तो अपनी पत्नी को देख कर बस उस नन्हे से प्यार की चाहत दिल में हिलोरे लेने लगती है … उसके अहसास को मेरा मन महसूस करने लगता है.. और मेरे ख्यालो में बस वो खुशी और उसके वो नन्हें नन्हें से कदम, नन्हें से हाथ, नन्हीं नन्हीं सी उंगलियाँ एक अलग , एक अजीब , एक अनोखा प्यारा सा अहसास जगा देती है जो मैंने आज तक अपनी जिन्दगी में महसूस नही किया जो मेरे लिए शायद इंडिया के वर्ल्ड कप जितने से भी ज्यादा बड़ा है.. जो मेरे लिए आज तक की जी हुई सारी जिन्दगी में मिली हर ख़ुशी से भी ज्यादा है….
मेरे माता पिता , मेरे भाई बहन सभी मेरी इस ख़ुशी में शामिल होने के लिए बेताब हैं ….. मैं और मेरी पत्नी, हम दोनों की तो पूछिए मत क्या क्या सपने, कैसे कैसे अहसासों के साथ जी रहे हैं हम दोनों आज कल .. बस हमेशा ये ही लगता है के उसे कुछ ना हो जाये… उसका कैसे भी इतना ख्याल रखना है के उसका इस दुनिया में आगमन सुगम हो जाये …
मेरे पास इतना कुछ है लिखने के लिए शायद मैं लिख ही न पाऊँ …. बस एक उमीद है के वो आएगा मेरा नन्हा मेहमान और हमारे जीवन में खुशियों की बारिश कर देगा… आप सभी हमारी इस ख़ुशी में शामिल हो जाइये … दुआ कीजिये के मेरी तरह हर कोई इस अनुभव को, इस अहसास को मस्त जिए…
मैं अपनी खुशियों के साथ अपनी जिम्मेदारियां भी अच्छे से निभा पाऊँ इसी उम्मीद के साथ…
आपका अपना
दीपक गुप्ता
एंकर/एक्टर
09990745048

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